प्याज की इस उम्दा किस्म से किसान बेहतरीन पैदावार अर्जित कर सकते हैं
अगर कृषक भाई अपने खेत में प्याज की उन्नत किस्म एग्रीफॉन्ड डार्क रेड केसर लगाते हैं, तो उन्हें कई गुणा मुनाफा अर्जित होगा। इस लेख में हम आपको बताऐंगे इस प्रजाति की विशेषता एवं अन्य कई अहम जानकारी। हमारे देश के किसान भाइयों की दिलचस्पी अब आधुनिक फसलों की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। कुछ किसान तो अपनी पारंपरिक खेती को त्यागकर अन्य फसलों को अपना रहे हैं। आखिर क्यों न अपनाएं आखिरकार इससे किसानों को पहले की तुलना में कहीं ज्यादा मुनाफा प्राप्त हो रहा है। आज हम इस लेख में ऐसी ही एक फसल के बारे में बात करेंगे, जिसे आप अपने खेत में उगाकर लाभ अर्जित कर सकते हैं। दरअसल, जिस फसल की हम बात कर रहे है। वह प्याज की फसल है। आइए जानते हैं खरीफ प्याज की बेहतरीन किस्मों एवं खेती के बेहतर तरीके।प्याज को रसोई की शान माना जाता है
जैसा कि सब मानते हैं, कि प्याज एक ऐसी सब्जी है, जो कि रसोई की शान मानी जाती है। यह हर घर में बड़ी सुगमता से मिल जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके बिना खाने का स्वाद ही नहीं आता है। प्याज की खेती भारत के विभिन्न राज्यों में की जाती है, सिर्फ इतना ही नहीं भारत से पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल आदि बहुत सारे देशों में प्याज का निर्यात भी किया जाता है। प्याज की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की तरफ से अनुदान भी दिया जाता है। इस सब्सिडी से किसानों की लागत कम होती है और मुनाफा भी बढ़ता है। यही वजह है, कि प्याज की खेती किसानों के लिए कम लागत में ज्यादा मुनाफा उठाने का एक शानदार तरीका है।ये भी पढ़ें: गर्मियों के मौसम में ऐसे करें प्याज की खेती, होगा बंपर मुनाफा
प्याज की सर्वोत्तम किस्में और उचित खेती विधि
बुआई का समय प्याज की खेती के लिए मध्य जून एवं मध्य मार्च बेहतर महीने माने जाते हैं।पनीरी बनाने की विधि क्या होती है
- पनीरी की रोपाई के लिए 125 किलोग्राम सड़ी हुई खाद (Compost) प्रति मरला (25 वर्ग मीटर) डालकर भूमि को एकसार करें।
- पनीरी और प्याज लगाए गए क्षेत्र के अनुपात (1:20) के मुताबिक 20 सेमी ऊंचे और 1 से 1.5 मीटर चौड़े ट्रैक निर्मित करें। ध्यान रहे, कि यह अच्छी स्थिति में बोयें हुए होना चाहिए, जिससे कि आपको इससे आगे चलकर कोई परेशानी न हो।
- बीज को 3 ग्राम थेरम अथवा कैप्टान प्रति किलोग्राम की दर से उपचारित कर 1 से 2 सेमी. 5 सेमी गहरी दूरी पर कतारों में रोपाई करें।
- बुआई के पश्चात अच्छी तरह सड़ी हुई देशी खाद की हल्की परत से ढक दें और तुरंत फव्वारे के माध्यम से सिंचाई करें।
- बतादें कि दिन में दो बार सुबह एवं शाम, पौधों की सिंचाई ।
- दोपहर में उच्च तापमान से बचाने के लिए बिस्तरों को ढकें।
- आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि 1.5 मीटर चौड़ी क्यारियों को ढकने के लिए उत्तर-दक्षिण दिशा में 1.5 मीटर की ऊंचाई पर घास अथवा बाकी फसल की पत्तियां-तने आदि से अर्जित मल्च का इस्तेमाल करें। एक महीने उपरांत जब पौधे मजबूत हो जाएं तो इन गमलों को हटा दें।
खेती द्वारा केसर प्याज की खेती
- मार्च माह के बीच में 8 मरला (200 वर्ग मीटर) क्यारियों में 5 किलोग्राम बीज की रोपाई करें।
- पनीरी को प्रति सप्ताह के अंतराल में दो बार सींचे।
- जून के आखिर में कंदों को खोदें एवं उन्हें कमरे के तापमान पर खुली टोकरियों में संग्रहित करें।
- ज्यादा बिक्री लायक उत्पादन प्राप्त करने के लिए 1.5-2.5 सेमी. परिधीय गांठें उपयुक्त होती हैं।
दूरी
- कम जल निकास वाली भारी मिट्टी में बेहतर उपज के लिए 60 सेमी. चौड़ा और 10 सेमी. ऊँचे बिस्तर का निर्माण करें।
- अगस्त के बीच में उन पर बल्ब लगाऐं।
- नवंबर के आखिर तक फसल तैयार हो जाएगी।
- खेत में पनीरी की खुदाई कर के रोपाई करें।
- अगस्त माह के प्रथम सप्ताह में 6 से 8 सप्ताह की पौध को खोदकर खेत में रोप देना चाहिए।
- बेहतरीन उत्पादन के लिए पंक्तियों के मध्य 15 सेमी व पौधों के मध्य 7.5 सेमी की जगह रखें।
- खेत में पनीरी की रोपाई सदैव शाम के दौरान करें और उसके शीघ्र पश्चात सिंचाई करें। इसके अलावा आवश्यकतानुसार पानी देते रहें।
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